PanchangBodh logo
PanchangBodh

सटीक वैदिक कैलेंडर

आज का पंचांग

PanchangBodh

हिंदू पंचांग, मुहूर्त समय और शुभ क्षण—विश्वसनीय मार्गदर्शिका

मिनट स्तर की सटीकता1000+ शहर (विश्वभर)वैदिक गणना

दैनिक साधन

  • आज का पंचांग
  • सूर्योदय और सूर्यास्त
  • चंद्रोदय और चंद्रास्त
  • चौघड़िया मुहूर्त
  • राहुकाल समय
  • अभिजीत मुहूर्त
  • होरा कैलकुलेटर
  • जन्म नक्षत्र

त्योहार व व्रत

  • सभी त्योहार
  • एकादशी कैलेंडर
  • प्रदोष व्रत
  • पूर्णिमा कैलेंडर
  • अमावस्या तिथियाँ
  • संक्रांति कैलेंडर
  • ग्रहण तिथियाँ

लोकप्रिय शहर

  • New Delhi
  • Mumbai
  • Bangalore
  • Chennai
  • Kolkata
  • सभी 1000+ शहर देखें

त्वरित लिंक

  • पंचांग परिचय
  • मुहूर्त समय
  • खोज साधन

हमसे जुड़े रहें

दैनिक पंचांग अपडेट

मुहूर्त समय, त्योहार सूचनाएँ और शुभ क्षण—सब कुछ रोज़ाना आपके इनबॉक्स में।

विशेषताएँ

सौरचंद्रनक्षत्र
© 2025 PanchangBodh•वैदिक कैलेंडर व मुहूर्त गाइड
गोपनीयतानियमपरिचयसंपर्क

जयपुर में आज का राहु काल

नई शुरुआतें इस समय टालें

सोमवार, दिसंबर 29, 2025•जयपुर
राहु काल 8:33 AM–9:52 AM IST • अवधि 1 hour 19 minutes • सूर्योदय 07:15
  1. मुखपृष्ठ
  2. मुहूर्त
  3. आज का राहु काल

आज का राहु काल

नई शुरुआतें इस समय टालें

शुरुआत
8:33 AM
समाप्ति
9:52 AM
अवधि
1 hour 19 minutes
अभी चालू नहीं
जयपुर

आज के मुख्य बिंदु — जयपुर

  • नई शुरुआतें 8:33 AM से पहले या 9:52 AM के बाद करें।
  • सुबह संपर्क/बातचीत के लिए ठीक; दोपहर स्थिर काम के लिए।
  • देखें कि समय‑खिड़की अगले दिनों में कैसे बदलती है।

अगले 6 दिन

आने वाले राहु काल

30
मंगलवार, दिसंबर 30, 2025
मंगलवार
शुरुआत
3:06 PM
समाप्ति
4:24 PM
अवधि
1 hour 18 minutes
31
बुधवार, दिसंबर 31, 2025
बुधवार
शुरुआत
12:29 PM
समाप्ति
1:48 PM
अवधि
1 hour 19 minutes
1
गुरुवार, जनवरी 01, 2026
गुरुवार
शुरुआत
1:48 PM
समाप्ति
3:07 PM
अवधि
1 hour 19 minutes
2
शुक्रवार, जनवरी 02, 2026
शुक्रवार
शुरुआत
11:12 AM
समाप्ति
12:30 PM
अवधि
1 hour 18 minutes
3
शनिवार, जनवरी 03, 2026
शनिवार
शुरुआत
9:53 AM
समाप्ति
11:12 AM
अवधि
1 hour 19 minutes
4
रविवार, जनवरी 04, 2026
रविवार
शुरुआत
4:27 PM
समाप्ति
5:46 PM
अवधि
1 hour 19 minutes

जयपुर में December के दौरान राहु काल 8:33 AM–9:52 AM IST पड़ता है—पीक कामकाजी समय के बाहर। नई शुरुआतें इस स्लॉट के बाहर रखें; बाद का समय आमतौर पर दो घंटे तक साफ़ रहता है।

राहु काल: रोज़ का सावधानी वाला समय

भारतीय घरों में सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच एक छोटा सा अंतराल नई शुरुआतों से बचने के लिए छोड़ा जाता है; इसे ‘राहु काल’ कहते हैं। यह प्रायः एक से डेढ़ घंटे का होता है और स्थान, ऋतु व सूर्योदय‑सूर्यास्त के अनुसार प्रतिदिन बदलता है।

प्रचलित गणना: दिन को आठ हिस्सों में बाँटना

पंचांग सामान्यतः इसे यूँ निकालता है:

  1. अपने शहर का सूर्योदय व सूर्यास्त लें।
  2. दिन की कुल अवधि निकालें (सूर्यास्त − सूर्योदय)।
  3. उसे आठ समान भागों में बाँटें।
  4. सप्ताह के दिन के लिए निर्धारित राहु‑खण्ड चुनें।
  5. वही आरम्भ→समाप्ति उस तिथि व शहर का राहु काल होगा।
वारराहु काल खंडविवरण
सोमवारदूसरासुबह का सावधानी काल
मंगलवारसातवाँदेर दोपहर
बुधवारपाँचवाँदोपहर
गुरुवारछठादोपहर बाद
शुक्रवारचौथादेर सुबह
शनिवारतीसरासुबह
रविवारआठवाँशाम

नोट: कुछ पुस्तकों में ‘स्थिर’ घड़ी‑समय भी सूचीबद्ध मिलते हैं; पर सूर्योदय→सूर्यास्त को आधार मानकर भाग करना अधिक स्थान‑अनुकूल और स्पष्ट रहता है।

राहु काल के आसपास योजना

शुरू न करें

  • • नई पहल/व्यवसाय
  • • पहली ग्राहक बैठक/साक्षात्कार
  • • महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर
  • • बड़ी खरीद/भुगतान
  • • उद्घाटन/विधि
  • • यात्रा की शुरुआत

आम तौर पर ठीक

  • • जो काम पहले शुरू हो चुका
  • • रूटीन काम
  • • पढ़ाई/अभ्यास/रख‑रखाव
  • • जो टाला नहीं जा सकता

बचना संभव न हो तो:

खिड़की खुलने से पहले शुरू करें और जारी रखें, या उसके बाद शुरू करें। थोड़ा ठहरना मन को स्थिर करता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या राहु काल रोज़ एक ही समय होता है?

नहीं। शहर और तारीख़ के साथ समय बदलता रहता है क्योंकि सूर्योदय‑सूर्यास्त बदलते हैं। नियम तय रहता है, घड़ी नहीं।

राहु काल कितनी देर रहता है?

आमतौर पर 60–90 मिनट का छोटा स्लॉट। मौसम और सूर्योदय‑सूर्यास्त के साथ अवधि बदलती है—लंबे दिनों में कुछ बढ़ती है, छोटे दिनों में घटती है।

अगर काम पहले शुरू हो चुका हो, तो क्या राहु काल में रोकना चाहिए?

ज़रूरी नहीं। परंपरा नए काम शुरू करने से रोकती है; जो काम चल रहा हो, उसे जारी रखा जा सकता है।

क्या रात में भी राहु काल होता है?

राहु काल सामान्यतः दिन के समय माना जाता है। रात के लिए अलग परंपराएँ/विचार होते हैं।

‘छाया’ वाली बात कहाँ से आती है?

यह स्वर्भानु/राहु की कथा से जुड़ी है—छाया के कारण रोशनी में क्षणिक रुकावट का संकेत।

सीधे‑सादे तरीके

  • •पहले कदम राहु काल के बाहर रखें
  • •रूटीन काम इसी में—ईमेल छँटाई, तैयारी, अभ्यास
  • •मिले तो अभिजीत मुहूर्त में शुरू करें अभिजीत मुहूर्त
  • •रुक नहीं सकते तो शांति से शुरू करें

ज़रूरी बातें

  1. 1. राहु काल में नई शुरुआत न करें।
  2. 2. समय स्थानीय सूर्योदय/सूर्यास्त से बदलता है।
  3. 3. दिन आठ बराबर हिस्सों में; एक हिस्सा राहु का।
  4. 4. चलता काम जारी रख सकते हैं; ज़रूरी काम होंगे ही।
  5. 5. मिले तो अभिजीत मुहूर्त में शुरू करें।

स्रोत

• ऋग्वेद 5.40 (स्वर्भानु) — ISTA

• विष्णु पुराण (राहु की कथा) — ISTA

• बी. वी. रमन, मुहूर्त — Google Books

• कलाप्रकाशिका — Archive.org

Today's Panchang

LocationJaipur
Dateसोमवार, 29 दिसं 2025
Sunrise07:15
Sunset17:42
Masa—
Tithi—
Nakshatra—
Yoga—
Karana—
Jaipur — Quick Guide
  • Desert edge climate—clear skies and strong sun most of the year.
  • Winter nights cool fast; early mornings are crisp and low‑glare.
  • Dusty ‘loo’ winds appear in late spring; avoid long noon exposures.
  • Govind Dev Ji Temple darshan, Birla Mandir, and ancient stepwells.
  • Gangaur and Teej processions wind through the walled city.
  • Navratri/Dussehra fairs and Kartik Purnima temple melas.

Auspicious Timings