नई दिल्ली में आज का राहु काल

नई शुरुआतें इस समय टालें

नई दिल्ली
राहु काल 11:00 AM–12:18 PM IST • अवधि 1 hour 18 minutes • सूर्योदय 07:08

आज का राहु काल

नई शुरुआतें इस समय टालें

शुरुआत
समाप्ति
अवधि
1 hour 18 minutes
अभी चालू नहीं
नई दिल्ली

आज के मुख्य बिंदु — नई दिल्ली

  • नई शुरुआतें 11:00 AM से पहले या 12:18 PM के बाद करें।
  • सुबह संपर्क/बातचीत के लिए ठीक; दोपहर स्थिर काम के लिए।
  • देखें कि समय‑खिड़की अगले दिनों में कैसे बदलती है।

अगले 6 दिन

आने वाले राहु काल

20
शनिवार, दिसंबर 20, 2025
शनिवार
शुरुआत
9:44 AM
समाप्ति
11:01 AM
अवधि
1 hour 17 minutes
21
रविवार, दिसंबर 21, 2025
रविवार
शुरुआत
4:11 PM
समाप्ति
5:28 PM
अवधि
1 hour 17 minutes
22
सोमवार, दिसंबर 22, 2025
सोमवार
शुरुआत
8:27 AM
समाप्ति
9:45 AM
अवधि
1 hour 18 minutes
23
मंगलवार, दिसंबर 23, 2025
मंगलवार
शुरुआत
2:54 PM
समाप्ति
4:12 PM
अवधि
1 hour 18 minutes
24
बुधवार, दिसंबर 24, 2025
बुधवार
शुरुआत
12:20 PM
समाप्ति
1:38 PM
अवधि
1 hour 18 minutes
25
गुरुवार, दिसंबर 25, 2025
गुरुवार
शुरुआत
1:38 PM
समाप्ति
2:56 PM
अवधि
1 hour 18 minutes

राहु काल: रोज़ का सावधानी वाला समय

भारतीय घरों में सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच एक छोटा सा अंतराल नई शुरुआतों से बचने के लिए छोड़ा जाता है; इसे ‘राहु काल’ कहते हैं। यह प्रायः एक से डेढ़ घंटे का होता है और स्थान, ऋतु व सूर्योदय‑सूर्यास्त के अनुसार प्रतिदिन बदलता है।

प्रचलित गणना: दिन को आठ हिस्सों में बाँटना

पंचांग सामान्यतः इसे यूँ निकालता है:

  1. अपने शहर का सूर्योदय व सूर्यास्त लें।
  2. दिन की कुल अवधि निकालें (सूर्यास्त − सूर्योदय)।
  3. उसे आठ समान भागों में बाँटें।
  4. सप्ताह के दिन के लिए निर्धारित राहु‑खण्ड चुनें।
  5. वही आरम्भ→समाप्ति उस तिथि व शहर का राहु काल होगा।
वारराहु काल खंडविवरण
सोमवारदूसरासुबह का सावधानी काल
मंगलवारसातवाँदेर दोपहर
बुधवारपाँचवाँदोपहर
गुरुवारछठादोपहर बाद
शुक्रवारचौथादेर सुबह
शनिवारतीसरासुबह
रविवारआठवाँशाम

नोट: कुछ पुस्तकों में ‘स्थिर’ घड़ी‑समय भी सूचीबद्ध मिलते हैं; पर सूर्योदय→सूर्यास्त को आधार मानकर भाग करना अधिक स्थान‑अनुकूल और स्पष्ट रहता है।

राहु काल के आसपास योजना

शुरू न करें

  • नई पहल/व्यवसाय
  • पहली ग्राहक बैठक/साक्षात्कार
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर
  • बड़ी खरीद/भुगतान
  • उद्घाटन/विधि
  • यात्रा की शुरुआत

आम तौर पर ठीक

  • जो काम पहले शुरू हो चुका
  • रूटीन काम
  • पढ़ाई/अभ्यास/रख‑रखाव
  • जो टाला नहीं जा सकता

बचना संभव न हो तो:

खिड़की खुलने से पहले शुरू करें और जारी रखें, या उसके बाद शुरू करें। थोड़ा ठहरना मन को स्थिर करता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या राहु काल रोज़ एक ही समय होता है?

नहीं। शहर और तारीख़ के साथ समय बदलता रहता है क्योंकि सूर्योदय‑सूर्यास्त बदलते हैं। नियम तय रहता है, घड़ी नहीं।

राहु काल कितनी देर रहता है?

आमतौर पर 60–90 मिनट का छोटा स्लॉट। मौसम और सूर्योदय‑सूर्यास्त के साथ अवधि बदलती है—लंबे दिनों में कुछ बढ़ती है, छोटे दिनों में घटती है।

अगर काम पहले शुरू हो चुका हो, तो क्या राहु काल में रोकना चाहिए?

ज़रूरी नहीं। परंपरा नए काम शुरू करने से रोकती है; जो काम चल रहा हो, उसे जारी रखा जा सकता है।

क्या रात में भी राहु काल होता है?

राहु काल सामान्यतः दिन के समय माना जाता है। रात के लिए अलग परंपराएँ/विचार होते हैं।

‘छाया’ वाली बात कहाँ से आती है?

यह स्वर्भानु/राहु की कथा से जुड़ी है—छाया के कारण रोशनी में क्षणिक रुकावट का संकेत।

सीधे‑सादे तरीके

  • पहले कदम राहु काल के बाहर रखें
  • रूटीन काम इसी में—ईमेल छँटाई, तैयारी, अभ्यास
  • मिले तो अभिजीत मुहूर्त में शुरू करें अभिजीत मुहूर्त
  • रुक नहीं सकते तो शांति से शुरू करें

ज़रूरी बातें

  1. 1. राहु काल में नई शुरुआत न करें।
  2. 2. समय स्थानीय सूर्योदय/सूर्यास्त से बदलता है।
  3. 3. दिन आठ बराबर हिस्सों में; एक हिस्सा राहु का।
  4. 4. चलता काम जारी रख सकते हैं; ज़रूरी काम होंगे ही।
  5. 5. मिले तो अभिजीत मुहूर्त में शुरू करें।

स्रोत

ऋग्वेद 5.40 (स्वर्भानु) — ISTA

विष्णु पुराण (राहु की कथा) — ISTA

बी. वी. रमन, मुहूर्त — Google Books

कलाप्रकाशिका — Archive.org